महिलाओं के बदलने पर ही बदल सकता है समाज!
पुरसों के बदलने से क्या होगा? जब महिलायें ही ना बदलें!
आज नारी सुरकछा की बातें हो रही है उसी को ध्यान मे रखकर मेरा एह लेख है पाठकों से अनुरोध है की फ्री समय जब भी उनके पास हो तो निम्न लिंको को ज़रूर पड़ें फिर विचार करें की देश मे परिवर्तन कैसे होगा ?
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आज में अन्य अपराधों की बात नही करूंगा सिर्फ बलात्कार की बात करता हू
आ) जो लोग मासूम और नादान बच्चिओं का बलात्कार करते है उनमे जादातर उनके नज़दीके लोग ही पाये जाते है पर वो ऐसा क्यू करते हैं कभी उकी मानसिकता का पारिकछन किया जाता है और उनकी मानसिकता ऐसी क्यू होती है दूसरी बात उनकी है जो ब्रद्ध महिलाओं का बलात्कार करते हैं उनकी मानसिकता कैसी होती है
इन दोनो प्रकार के लोग सेक्स से बंचित और निराश हो सकते हैं इनकी सेक्स की इच्छा ही इनकी बीमारी बनजाती है परंतु समाज और परिबारों मे सेक्स के बारे मे खुल कर बात ना हो पाने के कारण उनकी मानसिकता बड जाती है ना तो उनका कोई इलाज़ होता है ना ही कोई समाधान जिसके कारण वो और भी ज़ादा बिचिप्त हो जाते है और अपराध करते है यह याद रखने बाली बात है सेक्स की भूँख इंसान को हैवान बना देती है इसलिए परिवार और सरकार की ज़िम्मेदारी वन्ती ही की वो ऐसे नियम बनाएं की लोग सेक्स से बंचित ना रह पायें .
ब) अब हम उन बलात्कार के बारे मे बात करते हैं जो जादातर जबान लड़किओं खास कर समझदारों के साथ होते हैं
इन बलात्कारों मे दो परकार के बलात्कार होते हैं
आ) गैंग रेप , ब )- सिंगल रेप
गैंग रेप
गैंग रेप करने बाले 3 तरह के हो सकते हैं
1: वो लोग जो रेप के माध्यम से पैसा कामना चाहते है और और वीडिया बना कर बेच देते हैं यह लोग बहुत ही जादा खतरनाक होते हैं जो किसी भी प्रकार से लड़किओं को फसा सकते हैं या जावरजस्ती करसकते हैं
2: कुछ आवारा लडको के गुरुप जो रात विरात विना रोक टोक के इधर उधर घूमते रहते हैं जो बिना बजह अपनी सेक्स की भूँख को मिटाने हेतु किसी को भी अपना सिकार बना लेते हैं वास्तव मे इनमे कोई ना कोई बहुत जादा पैसे बाला होता है या फिर किसी ना किसी नेता से तालुक रखता है जिसे किसी बात का ड़र नही होता है
3-तीसरे प्रकार के रेप वो लड़के करते हैं जो किसी लड़की से अपमानित हुए होते है और बदला लेने के साथ 2 उसे हद से भी जादा तकलीफ देना चाहते है इसमे जादातर वो ही लड़किया शिकार होती हैं जिन्होने कभी किसी ना किसी का जाने अनजाने अपमान किया हो,इस प्रकार के लड़के वीडिओ फिल्म भी बना सकते हैं
2- सिंगल रेप
1: सिंगल रेप भी किसी ना किसी दुस्मनी के करण ही होते है यह रेप जादातर धोखे से होते है और किसी ना किसी जान पहचान के वियाक्ति दुआरा ही होते हैं इन रेपों को अंजाम देने के लिए ,नशा, लालच,एकांत,सेक्स उत्तेजक दवा का सहारा लिया जाता है इस प्रकार के रेप किसी ना किसी अपमान या खुन्नस मे किए जाते है चाहे करने बाला कोई भी हो
2: कभी कभी लड़कियां भी खुन्नस मे या फिर बदले की भावना से अपने सहमति से सेक्स को रेप का नाम दे देती हैं
उपाय
गैंग रेप मे नम्बर 1 बाले रेप रोकना कानून और सरकार के हाथ मे हैं कानून सख्त,जाच तीव्र,और न्याय शीघ्र प्राप्त हो तो इस प्रकार के अपराध करने बालों पर रोक लगाई जा सकती है
गैंग रेप मे नम्बर 2 बाले रेप रोकना समाज के हाथ मे जादा है ,परिवार चाहे अमीर हो या गरीव उनेह अपने बच्चों को नैतिक सिकचा की जानकारी देने मे कंजूसी नही करनी चाहिए और साथ मे सेक्स सिकचा की जानकारी उसके नुकसान से अबगत करना चाहिए हर संस्था मे नैतिक सिकचा और सेक्स अपराद की जानकारी देना अनिवार्य करना चाहिए और इसकी सुरुआत औरतों को अपने 2 घरों से करनी होगी ?
इसके बाद के जितने भी रेप हैं जिनमे औरत की असहमती और घ्रणा या अपमान मुख्य कारण होते है उसके लिए औरतों को अपनी पूरी सोच बदलनी होगी और एक क्रांति कारी सोच बननानी होगी
1- यह तो कभी संभव नही है की कोई लड़का किसी लड़की को चाहे और वो उससे अपने दिल की बात ना कहे चाहे कुछ भी हो जाये वो कहेगा ज़रूर चाहे कितने भी कड़े कानून क्यू ना हों किओंकी स्त्री-पुरुष का आकर्षण बहुत ही जटिल होता है उस पर रोक लगाना असंभव के समान है अगर कोई लड़की किसी से प्रेम नही करती है और वो लड़का उसे किसी तरह से बार 2 कहता है तो उसका अपमान करने से बचें और कोई ऐसा रास्ता निकालें की वो आपसे नफरत या खुन्नस ना रखे बल्कि आपके प्रति दया रखे ,उसे ऐसे समझाया जाये की उसे उसके प्रेम से नफरत नही है परंतु वो उसके प्रेम को स्वीकार करने मे पूर्णता असमर्थ और मजबूर है और वो उसके प्रेम नही उसकी दया की पात्र है ऐसा करने पर लड़के का अपमान भी नही होगा और लड़के को कोई खुन्नस भी नही होगी, और उसकी सहानभूत����� ही मिलेगी परंतु उससे सतर्क फिर भी रहना चाहिए और उसे ऐसा भी नही लगना चाहिए की आप उससे दूरी रखना चाहती हैं
2- कुछ जगह क्या जादातर जगह पर बेवफाई भी अपराध का करण वन्ती है जैसे अश्लील वीडिओ क्लिपिंग,बलात्कार,चेहरे पर तेजाव डालना,
में तो बस इतना ही कहना चाहता हून की अगर कोई लड़की समाज से डरती है या समाज को जादा महेत्व देती है प्रेम की तुलना मे, तो प्रेम ही ना करे तभी अच्छा है और अगर किसी से प्रेम करें तो उसे हर हाल मे निभायें अगर वो ऐसा नही करती है तो परिणाम बुरा भी हो सकता है फिर उसका सामना करने को हर प्रकार से तयार रहना चाहिए
3-अहसान वास प्रेम :- एक बात और आती है की कुछ लड़कियां लडको से अपने बहुत सारे काम करवाती हैं उनके करीव भी रहती है कभी तो हद हो जाती है जब वो सिर्फ अपने काम को करवाने मात्र को लड़के को झूंठे प्रेम का दिलासा या भरोषा भी देती है परंतु जब उनका काम निकल जाता है तो वो उन लड़कों से दूर होने लगती हैं जब वो लड़का उससे कुछ बात करता है तो लड़की कहती है की ऐहसान के बदले मे मुझसे प्रेम चाहते हो जो उचित नही है इतना कहते ही अपनी सारी गलतिओं को लड़कों के उपर डाल देती है और लड़का निरुत्तर होकर या तो नफरत मे उसका नुकसान करता है या हीनता मे अपना नुकसान करता है और लड़की एक शव्द कह कर आज़ादी से रहती है
अहसान के बदले प्रेम को चाहना गलत है परंतु उससे भी जादा गलत वो होता है जो किसी को झूंठे प्रेम का दिलासा दे कर अपना मन चाहा काम करवाना इसलिए दोनो ही बातें गलत है अगर एक सही हो तो दूसरी अपने आप सही हो जाती है ,इसलिए लड़की को कभी भी किसी की भाबना से खेल कर अपना काम नही निकल वाना चाहिए अगर कोई काम करबाना होता है तो उसे सिर्फ मदत के तौर पर करवाना चाहिए और अपने बीच किसी भी प्रकार के भ्रम को दूर करना चाहिए
एक बात और वताना चाहता हूँ की एक औरत ,पुरुष से सब कुछ पाने की आसा रख सकती है और रखती भी है परंतु एक पुरुष एक औरत से सिर्फ एक ही चीज प्रेम पाने की आसा रखता है और जब औरत लाख कसमें खकर और वादे करने के बाद उसी प्रेम को देने से मुकर जाये तो आप अंदाज़ा लगा सकते है की उसकी हालत क्या हो सकती है और वो किस हद तक क्या कर सकता है कोई नही जान सकता है
इसलिए इस मामले मे लड़किओं को ईमान दार होना ही पड़ेगा अन्यथा गलत परिणामों को कोई नही रोक सकेगा
4- आज की नारी जो बदलाव चाहती है वो बतायें की समाज का निर्माण तो परिवार से होता है और परी बार को औरत का रण छेत्र माना जाता है जंहा पर हर औरत अपना वर्चस्व कायम करना चाहती है और दूसरी औरत को अपना परम् शत्रु मानती है उसे हर प्रकार से नीचा दिखाने के लिए हर प्रकार का षड्यंत्र पूरे जीवन भर चालू रहता है हर रिश्ते को अपने दुसमन के रूप मे ही रखती है ,देवर-भावी,सास-बहू,ननद-भावी,देवरानी-जिठानी ऐसे रिश्ते जिनमे शायद ही कभी वन्ती हो , इतना ही नही औरत के प्रति हर अपराध मे औरत का ही हाथ होता है कन्या भूर्ण हत्या मे औरतों का हाथ जादा होता है
औरत को एह जानना होगा की उसका दुसमन पुरुष से जादा औरत ही होती है आज औरत को दोहरी लड़ाई लड़नी होगी ,पुरुष की सोच के साथ 2 अपनी सोच भी बदलनी होगी हर औरत को अपनी सखी ,बहेन, और मा या वेटी मानना ही पड़ेगा तभी बदलाव संभव है
5- आज जो महिलायें कहती हैं की हमें दया नही सम्मान की ज़रूरत है पर सम्मान और प्रेम का गहरा रिश्ता होता है
औरतों के बारे मे एक बड़ी कड़वी कहावत है की जादातर पुरुष औरत को अपने ******** समझते हैं पर जो लोग औरत को अपने सर का ताज समझते है औरतें उनेह क्या समझती हैं यह भी एक कड़वी सच्चाई है जिसके बारे मे हम किसी और ब्लॉग मे लिखेंगे
परंतु इतना ज़रूर कहते हैं औरत के इस दोहरे नज़रिए के करण ही अधिकतर लड़के फ्रॉड या गलत रास्ते पर चलने को मजबूर होते हैं अगर औरत सम्मान और प्रेम चाहती है तो उनेह भी अपनी सोच बदलनी होगी हर स्तर पर तभी बदलाव संभव है वर्ना आज औरत पर भरोषा करने बालों की सांख्या कम होती ही जा रही है अगर कोई किसी औरत का भला करना भी चाहे वो भी खुले आम तो लोग कहते है की एक औरत के लिए (कुछ समय पहले हमारे एक जागरूक नेता के मुख से भी इस प्रकार का शव्द निकल गया था जो की एक सच्चाई है )
इस सोच को अगर बदलना है तो औरत को समाज मे विचारो मे परिवर्तन हेतु क्रांति करनी होगी
अन्य उपाय
1- सबसे पहले तो जातीबाद और धर्मबाद पर पूर्ण रोक लगाना ज़रूरी है सरकारी और गैर सरकारी हर विभाग मे इन जातीबादी और मज हवी शव्दों के प्रयोग पर प्रतिबंध होना चाहिए ,
2- सेक्स स्वंत्रता होनी अनिवार्य है
3- कन्या भूर्ण हत्या का कानून बहुत ही सख्त होना चाहिए
4-महिलाओं को अपना नज़रिया बदलना होगा और हर घर से शुरूआत करनी होगी इसके लिए मीडिया का भरपूर प्रयोग करना चाहिए
5-नारी संरकछन कानूनो का गलत इस्तमाल पर रोक का प्रवधान होना चाहिए