बुधवार, 11 जून 2014

बलात्कार “कारण सिर्फ 3,निवारण 6”

बलात्कार  “कारण सिर्फ 3,निवारण 6”
अगर हम पूरे देश का हाल देखें तो लगता है महिला सुरक्षा की हालत बहुत ही खस्ता है हर राज्या मे बलात्कार की घटनायें बदती जा रही है और उत्तर प्रदेश मध्या प्रदेश मे तो हद ही हो गई है , अभी कुछ समय पहले जब निर्भया काण्ड हुआ था तब लोग कह रहे थे की हमारे देश मे रेप के लिए कानून कमजोर है पर कानून कठोर होने के बाद भी रेप की घटनाओं मे कोई कमी नही आई है आखिर क्यू ,क्या करण है की कठोर कानून के बाद भी रेप रेट मे कमी नही पर हम सिर्फ सरकार को कोशते है पुलिस को कोसते है और छोड़ देते है किओंकी हम लोग महिलाओं की सुरक्षा करना ही नही चाहते है और इसी लिए मैने उस समय एक ब्लॉग लिखा था की कोई भी सज़ा बलात्कार नही रोक सकती है इसका मत लब एह बिल्कुल नही है की सरकार में इसे रोकने की इच्छा सकती नही सच बात तो एह है की रेप की घटनायें एक राज़ होती हैं और हम लोग कभी उन राज़ों पर बात नही करते हैं की रेप वास्तव में किन कारणो से होते हैं अरे बाही जब तक रेप के करणो का टीक 2 पता नही चलेगा तब तक कैसे इस अपराध पर रोक लग सकती है , आज हमने अपने इस ब्लॉग में उन कारणों और निवारणो के उपाय के बारे में लिखा है पाठक गणों से अनुरोध है की इन पर गहनता से विचार करें फिर अपनी प्रतिकिर्यैं दें और इस अक्षम्य पाप को हाटाने के लिए लोगों को जागरूक करें.

बलात्कार के ठोस कारण:
कारण 1- हमारे देश में लड़का और लड़की के अनुपात मे काफी अंतर है उपर से घोर जातीबाद उसके भी उपर अंतरजातीय विवाह पर सामाजिक रूप से रोक जिसके कारण हर जाति में कुछ ना कुछ लोग शादी से बंचित रह जाते एह हो सकता है किसी जाती मे कम तो किसी मे ज़ादा लोग सादी से वंचित रह जाते है मेरे कहने का मतलव है की समाज मे बहुत बड़ी  सांख्या खास कर लड़कों की ऐसी है जो सेक्स से वंचित रह जाती है परंतु सेक्स से वंचित रहना कोई अपराध नही होता है परंतु कुछ लोग होते हैं जो सेक्स से वंचित होकर कुंठित होकर अतिक्रमण कारी बन जाते है जो कभी कभी बहुत घातक रूप ले लेते हैं इस प्रकार के लोग सिंगल रहकर या फिर गैंग बना कर भी रेप करते है एह नही देखते हैं की कोई लड़की बच्ची है, नाबालिग है,महिला है, व्रध है, देश की है या पर देश की है , दूर की है या करीबी की उनके दिमाग पर सिर्फ सेक्स का भूत  होता है और बो किसी भी हद तक हैवानियत कर सकते हैं .
कारण 2- आज देश मे महिला सुरक्षा से समन्धित कानून काफी सख्त हैं और होने भी चाहिए अगर लड़के पाप करते हैं तो उनेह सज़ा ज़रूर मिलनी चाहिए परंतु दूसरे पक्ष पर भी सोचना होगा इस देश मे सेक्स  सम्बंधों  मे जनित अपराध में लड़किओं को न्याय तो मिल जाता है परंतु क्या कभी सोचा है की किसी पीड़ित लड़के को  न्याय मिल पाता है ( अगर एक लड़का और लड़की एक दूसरे से प्रेम करते हों और अगर लड़का लड़की को धोखा दे तो लड़की को न्याय मिल जाता है परंतु अगर लड़की लड़के को धोखा दे दे तो लड़का लाचार होता है इंसाफ के लिए समाज की जकडन और कानून के अभाव में वो चाह कर भी कुछ नही कर सकता है ) सच तो एह है की जब कोई सच्चा प्रेम करता है वो धोखा पाने पर पूर्ण रूप से हतास हो जाता है और उसके दिमाग पर से कण्ट्रोल हट जाता है इसके बाद 3 कंडीसन आती है , जो दिमाग पर कण्ट्रोल कर लेता है वो महान बन जाता है, जो दिमाग के बस मे होजाता है वो सैतान बन जाता है और जो कुछ नही करपाता है वो वेजान हो जाता है .इसमें जो बीच बाले  लोग होते हैं वो सोचते है की कानून से कुछ होगा नही और समाज कुछ करने नही देगा फिर वो सोचते हैं की अब अपनी जिंदगी तो बरवाद है ही तो बदला लेने के लिए कुछ भी कर जाते है जैसे बलात्कार, तेजाव डालना, आग से जलाना,या फिर किसी प्रकार मर्डर कर देना .
कारण 3- समाज मे कुछ परिवार ऐसे भी होते हैं जो अपने बच्चों को सू संस्कार  नही दे पाते है और छूट भी हद से ज़ादा मिल जाती है जिसके करण वो गलत संगत में पड कर  भटक जाते है और गलत रास्तों पर चल पड़ते हैं और अपराध कर बैठते हैं .

अपवाद : कुछ लोग ऐसे भी है जो अपनी सगी लड़की या बहन , भतीजी के साथ भी दुसकर्म कर वैठे है ऐसे लोग सिर्फ और सिर्फ मानसिक रूप से विक्षिप्त होते हैं इने तो तुरंत मार दिया जाना चाहिय .
अब बात करते निवारन की
उपाय 1 : सिक्षा : पुर देश मे नैतिक सिक्षा और लड़किओं के लिए आत्म  रक्षा  अनिवार्य करना होगा .
नैतिक सिक्षा नुर्सरी से लेकर हर प्रकार की उच्च सिक्षा मे अनिवारया हो इतना ही नही  12त पास के बाद नैतिक सिक्षा का एक अनिवारया पेपर प्रयोगात्मक भी होना चाहिए इसके लिए 10 दिन तक का नैतिक सिक्षा का प्रयोगात्मक काम करना चाहिए जैसे बुजारगों की सेवा , दीन दुखिओं की मदत करना ,गारीओं की सेवा आदि आदि के रूप मे प्रयोगात्मक परीक्षा हो साथ में इसकी निगटिव मार्किंग के लिए भी बिकल्प होना चाहिए अगर कोई झूंती सेवा दिखाये तो उसको निगेटिव मार्क्स मिलने चाहिए इससे समाज मे हर वर्ग में आपसी प्रेम पनपेगा.
उपाय 2 : प्रेम मे धोखा धड़ी को एक अपराध  मान कर पीड़ित को न्याय पाने के लिए एक कानून हो भले ही उसमे सज़ा का कम प्रावधान हो परंतु दंड होना ज़रूर चाहिए वास्तव मे हम लोग भावनात्मक धोखे को नज़र अंदाज़ करते है जबकि भाबनातमक धोका बहुत ही घातक रूप धारण कर लेता है कोई भी पीड़ित चाहे वो लड़का हो या लड़की कानून के अभाव मे अपने को ठगा से आ हताशा और लचर महसूस करके कोई अपराध ना कर बैठे .

उपाय 3-जातीय  दबंगईऔर राजनीति पर लगाम लगे उधारण ता ज़ादा से ज़ादा अपराध दावंगों के कारण ही करवाये जाते है अब बात आती है की दबंग पैदा कैसे होते हैं
( में किसी जाती बिसेष की बात नही कर रहा हून हर जाती मे कुछ ना कुछ दबंग  प्रविरति के लोग होते है एह हो सकता है किसी मे कम या किसी मे जाड़ा एह लोग सिर्फ डर से शांत रह  सकते हैं और रहते भी हैं परंतु हमारे देश मे इन दबँगो  को जाड़ा सक्रिय करने के लिए कुछ उत्प्रेरक ज़िम्मे दार होते हैं )
(I)           सामाजिक उत्प्रेरक  वर्ग विशेष का बाहुल्य : किसी एक छेत्र मे किसी एक बिशेष वर्ग के लोगों की सांख्या जाड़ा है तो उस वर्ग के दबंग प्रवर्ती के लोगों की सक्रियता बड सकती है
(II)          जातीय स्टीकर उत्प्रेरक : अगर किसी थाने मे 100 मे से 40 अगर एक ही जात या वर्ग से सम्बंध रखते हों तो उनका प्रवहाव समाज के लोगों पर ज़रूर पड़ता जैसे अगर सभी अधिकारिओं के ऐसे स्टीकर लगे हो जिनपर उनकी जात दिखती हो तो ज़ाहिर सी बात है की दबंग प्रवर्ती के लोग जो उसी जात के हों उनसे सबंध बनाने लगते है और धीरे सरकारी कारियों मे उनकी दखल बड जाती है और वो खुल कर अपराध करने से भी नही चूकते हैं
(III)         सरकारी संरक्षण रूपी उत्प्रेरक :
(IV)        पुलिस की चेत्रीय जॉब भी धनात्मक उत्प्रेरक होती है
समाधान

(I)           इस प्रकार के छेत्रों मे कुछ सही लोगों को जो उसी वर्ग के हों उनको तागतवर करने से दबँगों की सक्रियता पर लगाम लग सकती है जैसे की निगेटीवए सोच के चीना की तगत को बॅलेन्स करने के लिए इंडिया को तगत देना अमेरिका जैसे देश की मजबूरी भी होगी और समझ दारी भी
(II)          पुलिस ही क्या सरकार के हर विभाग के हर कर्मचारी के घर के गेट, ऑफीस के गेट, टेबल , और वर्दी पर नाम के साथ जाती सूचक शब्द लगाने पर पूर्ण रोक होनी चाहिए भले ही जातीय आधार पर निउक्ती हुई हो पर जब अधिकारी बन गये तो फिर जाती दिखाने का मतलब ही क्या है अगर सरकार ऐसा कर रही है तो अल्गाब को बडावा दे रही है काम करते समय सब समान होते है फिर जाती प्रदर्शन किओन होता है क्या कर रही है सरकार .
(III)         सरकार अपराधों मे होने बाली कड़ी कार्यबाही मे दखल ना करे और दवंगों को या पुलिस  आदिकारिओं को अनैतिक संरक्षण ना द.
(IV)        छेत्रिय पुलिस की जॉब पर रोक लगे .
उपाय 4  :  महिला सुरक्षा को ससक्त करने हेतु दहेज प्रथा , धर्मो के आधार पर दोहरे कानूनो की प्रथा ,भूर्ण हत्या को पूर्ण रूप से रोकने हेतु कोई कठोर कानून और योजना बने इतना ही नही अंतरजातिए विवाह करने वालों को सरकारी योजनाओं मे सुबिधा का प्राबधान् करना चाहिए और छूट देना चाहिए .
उपाय 5-(आ) महिलाओं हेतु ऑनलाइन रिपोर्टिंग की सुभिधा : आज हम लोग सुनते है की महिलाओं से सम्बंधित अपराधों में पुलिस रिपोर्ट लिखने मे देर करती है तो इसका बड़ा ही सीधा और सरल उपाय है की महिला सम्बंदी केशों की रिपोर्ट लिखने का अधिकार पुलिस से हटा लेना चाहिए , एक ऑनलाइन सिस्टम विकसित किया जाये जिसमे फ्री मे ऑनलाइन रिपोर्टिंग सुबिधा हो कोई भी पीड़ित अपनी सुबिधा अनुसार ऑनलाइन अपने नज़दीकी थाने मे उचित धारा मे रिपोर्ट कर सके रिपोर्टिंग की हेल्प के लिए भी आसान तरीके बनाये जायें , थाना , सहर, ज़िला, प्रदेश  सेलेक्ट करने के साथ रिपोर्ट किस धारा मे लिखी जाये उसकी सुबिधा , सकक्षायों को उपलोड करने और गुप्त रखने का प्रबधान् हो साथ ही एह साइट बहुत सिक़ुअर हो ताकि पीड़ित की पहचान उज़ागर ना हो सके . महिला अपराध की सब धारायें एक पेज मे हेल्प के रूप मे होनी चाहिए साथ मे संदेस और फोनिंग के दुअरा रिपोर्टिंग हेल्प की सुबिधा होनी चाहिए . और जैसे ही रिपोर्ट आक्सेप्ट हो तुरंत सिस्टम उसकी एक सॉफ्ट कॉपी  मेन हेड ऑफीस   , सम्बंधित पुलिस स्टेशन , और एक सहायक मैल जो पीड़ित डाले उस पर पहुचना चाहिए . जैसे ही पुलिस स्टेशन पर मेल प्राप्त हो उसके 1 घंटे के अंदर कारबाहि करने के आदेश स्वता केन्द्र की तरफ से हों  छान बीन के बाद हेड क्वॅटर के पास धारा को चेंज करने का प्रबधान् हो थानो को नही .
नोट: गलत रिपोर्टिंग करने बाली महिलाओं  के खिलाफ भी कारबाहि करने की सुबिधा भी होनी चाहिए मतलब गलत रिपोर्टिंग पर स्वता 420 का केश लगने  की योजना होनी चाहिए .
(ब) अगर कोई महिला किसी छेत्र में अकेली या दुकेली फस जाती है और कंही अनहोनी की असंका प्रबल हो तो सहायता के लिए 100 नुम्बर की तर्ज़ पर पुर देश मे महिला हेल्प लाइन नंबर हो जिसपर फ्री कलिंग और स्मस करने की सुबिधा हो अगर कोई महिला इस प्रकार का मसेज करती है तो उस मसेज की एक कॉपी हेड ऑफीस, एक निकटतम स्टेशन और एक उसी नंबर पर जिससे वो स्मस करती है और इस संदेश पर तुरत कार्यबाही करने का आदेश हो ,
उपाय 6: एन एस जी  कमांडो की तरह महिला महिला एन एस जी  कमांडो होने चइए जो हर छेत्र मे पर्याप्त मात्रा में और जो महिलाओं से सम्बन्दित जघन्य अपराध होते हैं उनमें उनका सीधे दखल होना चाहिए
नोट: जब तक 100% अपराधों में 100% सज़ा समय रहते नही मिलती है तब तक अपराध नही रुकेंगे ,सिर्फ टी बी पर बैठ कर रोने से या सरकार को कोशने से कुछ नही होने बाला है इस प्रकार के बदलाव करने ही होंगे .

पाठकों से अनुरोध है की हमारे लेख पर गहन विचार करके अपना कमेन्ट दें .

कोई भी सज़ा "बलात्कार" नही रोक सकती है !

मंगलवार, 10 जून 2014

उ.प की सभी लड़किओं का बलात्कार होने पर भी रास्ट्रपति शासन् नही : केन्द का सच

लोक सभा के चुनाव के बाद और भाजपा की जीत के बाद ,लगता था की उत्तर प्रदेश के हालात मे कुछ सुधार होगा किओंकी खुद भाजपा का नारा था अच्छे दिन आने बाले हैं पर हुआ इसके उल्टा ही जनता के अच्छे दी तो नही आये पर सपा के गुंडों के अच्छे दिन अबश्य आ गये है दो दिन मे 100 से ज़ादा बलात्कार होते हैं हत्या और अफरन की तो गिनती ही नही है नेताओं को खुले आम मारा जा रहा है विपक्ष रास्ट्रपति शासन की मांग कर रहा है और जनता भी एही चाहती है परंतु भाजपा का शीर्ष नेत्रत्व एह नही चाहता है इसके पीछे उनका राजनीतिक करण है की बिधान सभा चुनाव तक जितने ज़ादा हत्या, बलात्कार होंगे माहौल उतना ही भाजपा के पक्ष मे होगा और उसका सीधा लाभ चुनाव में मिलेगा , भाजपा सिर्फ अपने राजनीतिक फायदे के लिए लड़किओं के बलात्कार पर गंभीर नही है उनके लिए बलात्कार की घटनायें जितनी जादा होंगी उतना ही फायदा होगा इसी लिए भाजपा कुछ नही कर रही है और तर्क दे रही है हम गलत तरह से सरकार नही गिरायेंगे आप क्यू गिराओगे जब आपको राजनीतिक फायदा हो रहा है जनता का दर्द इनेह नही दिखता है एह लोग इतने गिर गये है की शायद उत्तर प्रदेश की .......... लड़किओं का बलात्कार हो जायेगा तब भी एह सरकार नही गिरायेंगे , अरे जनता की भलाई के लिए कोई भी रास्ता गलत नही होता है क्या ऐसा है मोदी जी का न्याय , क्या ऐसे हैं कड़क है हमारे नये प्रधान मंत्री जी , अगर ऐसा है तो मुझे कोई अफसोश नही है की एह तो मन मोहन जी से बेकार हैं कम से कम अब तक एक चेतावनी तो दी होती अखिलेश सरकार को , में भाजपा सरकार से मांग करता हूँ बिना किसी देरी के तत्काल प्रभाव से राष्ट्रपति शासन लगाया जाये वर्ना जनता आपके जाल को समझ जायेगी और परिणाम घातक हो सकते है.

देश एक गंभीर कार्यक्षेत्र है और...

मोदी में इतना दम नही, जो देश बचा सकें!